भोपाल,10 मार्च कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है। शाम होते-होते सिंधिया के समर्थक 22 विधायकों ने भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इतने सारे इस्तीफों के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता जाती हुई दिख रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप देंगे
बेटे ने कहा, इस्तीफे के लिए साहस चाहिए
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस फैसले पर उनका परिवार साथ खड़ा है। सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने उनका समर्थन किया है। महाआर्यमन सिंधिया ने कहा, ‘मेरे पिता ने अपने लिए एक स्टैंड लिया है, इसके लिए मैं उनपर गर्व करता हूं। विरासत से इस्तीफा देने के लिए साहस चाहिए। इतिहास गवाह है कि हमारा परिवार और हम कभी भी सत्ता के भूखे नहीं रहे। हम वादे के मुताबिक भारत और मध्य प्रदेश में परिवर्तन लाएंगे।’
बुआ यशोधरा बोलीं, राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद अब सिंधिया खानदान में खुशी की लहर है। बीजेपी नेता और ज्योतिरादित्य की बुआ और शिवराज सरकार में मंत्री रह चुकीं यशोधरा राजे ने इसे साहसिक कदम बताया है। शिवपुरी से बीजेपी विधायक यशोधरा राजे ने सिंधिया के इस्तीफे पर ट्वीट किया, ‘राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला। साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे, अब मिट गया हर फासला। (ज्योतिरादित्य) सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं।’
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी ज्योतिरादित्य की बुआ हैं। वसुंधरा, यशोधरा और माधवराव सिंधिया की मां राजमाता विजया राजे सिंधिया जनसंघ की नेता थीं। मध्य प्रदेश में जनसंघ और बीजेपी को स्थापित करने में विजयाराजे सिंधिया का अहम योगदान रहा है। माधवराव सिंधिया की जयंती पर मंगलवार को यशोधरा राजे ने ट्वीट किया, ‘बड़े भाई श्रीमंत माधवराव सिंधिया की जयंती पर नमन। दादा जनसेवा के पथ पर निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ने की प्रेरणा हमेशा आपसे मिली है। मैं जानती हूं आपका स्नेह-आशीर्वाद आज भी मुझे इस कठिन सेवा मार्ग पर आगे बढ़ा रहा है।’
 
 
 
