रतलाम शहर पर मां कालिका की कृपा है, एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं,इसी का डर भी सता रहा है। असर है कि जो अफसर कल तक रतलाम के कई जनप्रतिनिधियों के मोबाइल भी नहीं उठा रहे थे ,आज उनका खुद इंतजार कर रहे हैं।

 रतलाम शहर पर मां कालिका की कृपा है और रतलामियों की किस्मत भी तेज है ,वरना अहंकारी और अनुभवहीन अफसरशाही के चलते शहर कभी भी समस्या में उलझ सकता था। ये शहर की किस्मत ही है कि,एक तो अब तक कोई पाजिटिव नहीं मिला है। दूसरे, देर से ही सही सरकारी अफसरों को अब इतनी समझ भी आ गई है कि रतलामी बाशिन्दो के सहयोग के बिना अकेले सरकारी मशीनरी समस्या से निपटने में सक्षम नहीं है।
वरना अभी दो दिन पहले तक तो अफसरों का अहंकार देखने लायक था। बेचारे समाजसेवी कह रहे थे कि हम भूखों के लिए भोजन उपलब्ध कराना चाहते है,तो तो नियम का हवाला देकर  परमिशन नहीं दी अगर हमारी परमिशन के बिना कोई भोजन बांटता मिल गया तो उसे सीधे अन्दर भेज दिया जाएगा।
बडी मैडम लोगों को यह समझा रही थी कि हाइजीन को केवल वो ही समझती है। बाकी लोग भोजन बनाएंगे तो हाइजिनिक नहीं रहेगा। इसलिए जिसे जो कुछ मदद करना है,वो नगद और सामग्री के रुप में सरकारी कारिन्दों को देदे और सरकार सबकुछ कर लेगी। समाजसेवा करने वाले इसमें भी राजी थे। लेकिन सरकारी इंतजाम इतने नाकारा हो रहे थे कि दानदाताओं का सामान तक उठवाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी।
गनीमत रही कि सरकार अब भाजपा की है और  जननायक श्री शिवराज सिंह चौहान ने हर जिले से विडियो कान्फ्रेन्सिंग की ,तो अफसरों के साथ जनप्रतिनिधियों को भी बुलाना पड़ा, मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भीअगर जनप्रतिनिधियों पर भरोसा दिखा रहे हो तो अफसरों को तो दिखाना ही पडता है।
जिला पंचायत के इकलौते नन्हे से कथित हाइजिनिक किचन से शहर के हजारों भूखे लोगों की पेट की आग मिटाने का दावा करने वाले अब दूसरा कम्यूनिटी किचन खोलने को तैयार हो रहे थे। बहरहाल,शहर में भोजन तैयार करने के लिए अब एक असरकारी किचन चालू हो गया है। इसके पहले तक तो उनके ये भी दावे थे कि हर भूखे तक भोजन वे ही पंहुचा देंगे। हांलाकि इसी बडबोलेपन के चलते कई लोगों को पिछली कई रातें खाली पेट गुजारना पडी थी। लेकिन अब वे राजी थे कि समाजसेवा करने के इच्छुक लोगों की मदद भी लेंगे और भोजन वितरण की व्यवस्था उनके द्वारा की जाएगी।
मामला बीमारी से जुडा है इसलिए सेहत वाले महकमे की जिम्मेदारी सबसे बडी है। कोरोना की लडाई में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी उनकी है,जिन पर संदिग्घ मरीजों की जांच करने की जिम्मेदारी है। सरकारी बदइतंजामी का आलम यह था कि जिन्हे जांच का जिम्मा दिया गया था,उन्ही के पास संक्रमण से बचने के पूरे साधन नहीं थे। आखिरकार एक दिन उन्होने भी काम करने से इंकार कर दिया। खबरचियों ने जब इस मामले को उठाया,तब कहीं जाकर बडे अफसरों की आंख खुली और इन टीमों को पुख्त सुरक्षा इंतजाम मुहैया कराए गए।


कुल मिलाकर जनता कफ्र्यू के दिन से शुरु हुए जिले के लाक डाउन में सरकारी इंतजाम पूरी तरह गडबडी भरे ही थे। अलग अलग सरकारी महकमों में आपसी तालमेल कहीं नजर ही नहीं आ रहा था। तालमेल की दिक्कत तो अब भी नजर आ ही रही है। जो सरकारी निजाम जिले में इस वक्त है,उसकी नासमझी और अहंकार शहर को समस्याओं के गर्त में डाल सकता था,लेकिन शहर की किस्मत तेज है कि राजधानी का निजाम बदल गया और व्यवस्थाएं बिगडने से पहले ठीक की जाने लगी।


कोरोना की इमर्जेंसी के चलते सभी को इस बात का पूरा भरोसा था कि जब तक कोरोना संकट चल रहा है सरकारी व्यवस्थाओं में ज्यादा बदलाव नहीं होंगे। लेकिन हफ्ते के आखरी दिन इन्दौर से आई खबरों ने कई सारे अफसरों को हिला दिया है। सरकार ने कोरोना संकट के चलते हुए भी इन्दौर के बडे बडे अफसरों को मुख्यालय में जमा करने के आदेश निकाल डाले। यहां भी हालत ज्यादा अच्छे नहीं है। इसी का डर भी सता रहा है। इसी का असर है कि जो अफसर कल तक रतलाम के कई जनप्रतिनिधियों के मोबाइल भी नहीं उठा रहे थे ,आज उनका खुद इंतजार कर रहे हैं।   साभार ई खबर टुडे


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     बिलासपुर: बिलासपुर जिले की सीमा वर्मा ने एक रुपया मुहिम शुरु करके लोगों में साबित कर दिया कि पैसे की क्या अहमियत होती है। सीमा ने यह मुहिम 10 अगस्त 2016 को शुरु की थी, जिसके बाद एक एक रुपया जोड़कर उसने अब तक 33 बच्चों की फीस जमा की है और जब तक ये बच्चें 12वी तक की शिक्षा पूरी नहीं कर लेते तब तक सीमा उनकी साल भर की फीस जमा करती रहेंगी। साथ में 13 हजार से ज्यादा बच्चों को स्टेशनरी का सामान भी मुहैया कराया है। बिलासपुर की तालापरा बस्ती में पिछले एक साल से 30 बच्चो को फ्री ट्यूशन क्लास दिया इनके द्वारा दिया जा रहा , सीमा के इस जज्बे को देखते हुए यूपी के मिनीस्टर स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन्हे सम्मानित किया है। इतना ही नहीं सीमा के नाम अब तक 40 से ज्यादा सम्मान हो चुके हैं। इसके साथ ही सीमा को बेस्ट वूमन ऑफ द छत्तीसगढ़ के नाम से भी सम्मानित किया गया है। सीमा के पिता कोल फिल्ड में हैं और उनकी माता हाउस वाइफ है। उनके भाई इंडियन आर्मी में है। आइए जानते हैं उसी एक रुपए के जुर्माना का महत्व समाज सेविका सीमा की जुबानी… इस मुहिम को लेकर सीमा ने बताया इसकी शुरुआत करने का एक बहुत बड़ा कारण रहा है सीमा जब ग्रेजुएशन में थी तो उनकी एक सहेली थी जो दिव्यांग थी, सीमा को उनको ट्राय साइकिल दिलवाना था इसके लिए सीमा ने कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की, तो प्रिंसिपल सर ने कहा एक सप्ताह बाद बात करते हैं, सीमा ने उसी दिन ठान लिया कि वह इस बच्ची की मदद जरुर करेंगी। उसी दिन वह पैदल-पैदल चल-चलकर मार्केट के कई शॉप पर गई किसी ने कहा यहां नहीं मिलेगा, किसी ने कहा 35000/रुपए का मिलेगा पर दिल्ली से मांगना पड़ेगा,15 दिन से एक महीना लग सकता है। सीमा वहां से निकली तो सामने एक पंचर बनाने वाली दुकान पर पहुंची, उनसे पूछा इन सब दुकानों के अलावा कोई साइकिल स्टोर है, पंचर बनाने वाले ने पूछा आप को क्या चाहिए, सीमा ने बताया उनकी दिव्यांग दोस्त को बैटरी से चलने वाली ट्राय साइकिल चाहिए, पंचर बनाने वाले ने मजाकिया लहजे से पूछा आप कौन सी क्लास में है, सीमा ने बताया ग्रेजुएशन लास्ट ईयर में है, पंचर वाले ने बोला आप को पता नहीं क्या ये गर्वनमेंट फ्री आफ कॉस्ट प्रोवाइड करती है। इस पर सीमा ने हैरान होते हुए तुरंत पूछा क्या करना पड़ेगा। पंचर वाले ने बताया जिला पुनर्वासन केद्र जाना पड़ेगा डॉक्युमेंट्स जमा करना पड़ेगा। 8-10 महीने भी लग सकते है, सीमा ने पूछा और कोई रास्ता पंचर वाले ने बताया कमिश्नर सर के पास जाइए हो सकता है 1 महीने के अंदर मिल जाए, सीमा तुरंत कमिश्नर सर के पास गई, दूसरे दिन उनके दोस्त को ट्राय साइकिल मिल गई। सीमा का कहना है कि उसने उस दिन 3 बातें सीखी 1. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती 2. लोगो को गवर्नमेंट की स्कीम के बारे में पता ही नहीं तो लोग लाभ कैसे लेंगे। इसलिए जागरूकता जरूरी है। 3. आप लोगो की मदद उनको सही रास्ता दिखा कर भी कर सकते है इसी सोच के साथ सीमा ने ये मुहिम की शुरुआत की। ताकि लोगों को जागरूक कर सके। सुधार अपने घर गली मोहल्ले से होगा। सीमा को लोग मदद के लिए रुपए भी देना चाहते हैं। भारत से ही नहीं अपितु विदेशों से भी, पर सीमा यह कह कर मना कर देती है कि दिया तले अंधेरा मत बनिए। जहां है वहीं पर लोगों की मदद कीजिए। सीमा सभी देशवासियों से अपील करती है आप सभी एक दूसरे की मदद कीजिए। भारत देश की अखंडता को बनाए रखिए। आप एक रूपया मुहिम को जरूरत मंद लोगों के लिए ही नहीं अपने लिए भी शुरू कर सकते हैं। अपने घर पर रोज एक-एक रूपया या उससे ज्यादा इक्कठा कर सकते हैं ताकि विपरीत परिस्थिति में उसका उपयोग कर पाए। सीमा यह कार्य युवाओं को मोटिवेट करने के लिए करती है इनके द्वारा बच्चो को गुड टच, बैड टच, पॉक्सो एक्ट,मौलिक अधिकारों, बाल विवाह,राइट टु एजूकेशन, बाल मजदूरी,आदि की जानकारी देती है सीमा सभी लोगो से अपील करती है आप अपने फील्ड से रिलेटेड जानकारी अपने घर वालो को आस पास वालो को देकर उन्हें जागरूक कर सकते है जागरुकता से ही अपराध में कमी आएगी अब तक सीमा कई बार मंच पर हो चुकी है सम्मानित :- 1रूपया मुहीम से जानी जाने वाली समाजसेवी सीमा वर्मा छत्तीसगढ़ में कई मंचों पर सम्मानित हुई है। बेस्ट वूमेन ऑफ छत्तीसगढ़ चांपा 2020, छत्तीसगढ़ माटी सपूत सम्मान 2019 बिलासपुर,उत्तरप्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी के द्वारा सम्मान कुशीनगर,अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा संगठन छत्तीसगढ़ इकाई के द्वारा सम्मान 2017,अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा संगठन उत्तरप्रदेश इकाई 2018,केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले जी के द्वारा प्रख्यात समाजसेवी नवल किशोर सिंह की पुण्यतिथि समारोह में नवल स्मृति सम्मान से कुशीनगर में सम्मानित 2019, हिंदी टाइम न्यूज, लाइव टूडे,टीवी 24, इंडियन न्यूज की तरफ से कारोना योद्धा सम्मान, यूपी से प्रकाशित हिंदी राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र नवल धारा के द्वारा समाज सेवा के लिए सम्मान, चाइल्ड लाइन बिलासपुर के द्वारा बाल दिवस पर सम्मान 2019 चाइल्ड लाइन के द्वारा महिला दिवस सम्मान 2020, महिला दिवस सम्मान 2018 रायपुर महिला दिवस सद्भावना संस्थान के द्वारा 2017 रायपुर, मानवाधिकार टीम बिलासपुर के द्वारा सम्मान 2018, रोटरीक्लब के द्वारा सम्मानित,बाप जी कॉलोनी के द्वारा महिला दिवस पर सम्मान 2020 मानवाधिकार के द्वारा 2020 महिला दिवस सम्मान,एलआईसी बिलासपुर के द्वारा2018में सम्मान शहीद दिवस पर विशेष सम्मान बेमेतरा 26 जनवरी 2020,वेल विशर फाउंडेशन अकलतरा के द्वारा महिला दिवस पर सम्मान 2020, गुरुकुल माडल स्कूल के द्वारा विशेष सम्मान 27 जनवरी 2020 नन्ही खुशियां अवॉर्ड नईदुनिया बिलासपुर,करोना योद्धा सम्मान टीवी वन न्यूज उत्तरप्रदेश,अब संकल्प ग्रुप के द्वारा विशेष कार्य करने के लिए सम्मान 2020 बिलासपुर। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिती बिलासपुर में में वर्ष 2019 से सम्मानित किया गया है।
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